संत शिरोमणि रविदास के विचारों को शालेय पाठ्यक्रम में कर रहे शामिल : सीएम यादव

भोपाल : भोपाल के हिंदी भवन में संत रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। उन्होंने संत रविदास महाराज को नमन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि संत शिरोमणि ने 648 वर्ष पहले अपने जीवन चरित्र के माध्यम से समूचे समाज, भारत और मानवता के लिए एक संदेश दिया कि मन चंगा तो कठौती में गंगा।
सीएम मोहन ने कहा है कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी ने जात-पात पूछे न कोई-हरि को भजे सो हरि को होई जैसे उदात्त विचारों से समाज को छुआछूत, सामाजिक असमानता, आडंबर और अंधविश्वास के विरुद्ध जागरुक किया। उन्होंने परतंत्रता और विदेशी आक्रांताओं के आतंक से प्रभावित वातावरण में भक्ति, समानता और सद्भाव के साथ अपनी यात्रा आरंभ की।
सीएम ने कहा, गर्व का विषय है कि बनारस में मां गंगा के घाट से आरंभ इस यात्रा में राजवंश के व्यक्ति भी उनके शिष्य बनें। मीराबाई द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में जीवन व्यतीत करना संत रविदास जी की प्रेरणा से ही संभव हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संत रविदास जी की भावनाओं और विचारों को जन-जन तक ले जाने के उद्देश्य से उनके विचारों को शालेय पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संत रविदास जी की जयंती पर प्रदेशवासियों को मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं देते हुए यह विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण, संत रविदास जी की भक्ति के आधार थे। उन्होंने राम नाम के जाप का संदेश देते हुए बताया कि भगवान व्यक्ति के भीतर है और भक्ति के लिए किसी आडंबर की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संत रविदास जी के दर्शन के आधार पर भारत को विश्व में आदर्श देश के रूप में स्थापित कर रहे हैं। राज्य सरकार भी इस दिशा में कार्यरत है। सागर में संत रविदास जी को समर्पित धाम का निर्माण जारी है। उज्जैन सहित राज्य के जिन स्थानों पर संत रविदास जी के चरण पड़े हैं, उन्हें तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।
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